सांझ छुपते सूरज की लाली जब आसमान पे छाए उड़ते पंछी झुंड बना कर नीड़ को अपनी जाएं गोधूली से सारा आलम धुंधला सा हो जाए सांझ की बेला दस्तक देकर ...

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