खामोशी

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तेरी खामोशियां ...... अब चुभती हैं मुझे, बिना देखे तेरा , मुझे अनजानों - सा जतलाना, बहुत अखरता है। क्या कहूं? यह सोचकर चुप हो जाती हूं____ जानती हूँ, गलत कौन ...

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