7 Part
973 times read
15 Liked
खामोशी से सिगरेट पर सिगरेट फूंक रहा था विजय। वो भी बिल्कुल खामोशी से उस धुएँ को ऐसे जर्ब करती जा रही थी,जैसे वो धुआँ न होकर कोई जीवन दायनी हवा ...