अमीरी के दरख़्तों से जब पत्ते टूट जाते हैं। नए रिश्तो के खातिर जब पुराने छूट जाते हैं।

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अमीरी के दरख़्तों से जब पत्ते टूट जाते हैं। नए रिश्तो के खातिर जब पुराने छूट जाते हैं। निभाते थे सगीर रिश्ते वही सब भूल बैठे हैं। गरीबी में बहुत मजबूत ...

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