शायरी

1 Part

210 times read

5 Liked

है एक ही बुरी आदत मुझमे... की मुझसे इंकार नहीं होता... बढ़ा मासूम सा हैं दिल मेरा... इस दिल को दुखने मे कोई नाकाम नहीं होता.. आज नहीं तो कल याद ...

×