शायरी
है एक ही बुरी आदत मुझमे...
की मुझसे इंकार नहीं होता...
बढ़ा मासूम सा हैं दिल मेरा...
इस दिल को दुखने मे कोई नाकाम नहीं होता..
आज नहीं तो कल याद आएंगे...
देखना एक दिन हम तुम्हे...
बहुत याद आएंगे..
जब हम पे तुम्हारा हक़ नहीं होगा..
जब हो जायेंगे हम किसी और से वाबस्ता..
तब कोई शक नहीं होगा..
आज मिलते नहीं तुम हमारे बहनो पर..
देखना जब बिछड़ जायेंगे..
तब ये बहाने ही याद आएंगे..
आज नहीं तो कल याद आएंगे..
देखना एक दिन हम तुम्हे बहुत याद आएंगे..
Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
29-Sep-2021 08:54 PM
Nice
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Shalini Sharma
23-Sep-2021 12:05 AM
Nice post
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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
20-Sep-2021 02:10 PM
Wah
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