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श्री दुर्गाजी की आरती जगजननी जय ! जय ! मा ! जगजननी जय ! जय !! भयहारिणि,भवतारिणि,भवभामिनि जय जय ।। तू ही सत- चित-सुखमय शुद्ध ब्रह्मरुपा । सत्य सनातन सुन्दर पर-शिव ...