लेखनी आरती संग्रह -श्रीरामजी की आरती

18 Part

56 times read

0 Liked

श्रीरामजी की आरती श्रीरामचंद्र कृपाल भजु मन हरण भव भय दारुणम् । नवकंजलोचन,कंजमुख,कर-कंज,पद-कंजारुणम्।।१।। श्रीराम-श्रीराम.... कंदर्प अगणित अमित छवि,नवनील-नीरद सुंदरम्। पटपीट मानंहु तड़ित रुचि शुचि नौमि जनक सुता-वरम्।।२।। श्रीराम-श्रीराम..... भंजु दीनबंधु दिनेश ...

Chapter

×