लेखनी आरती संग्रह - श्री हनुमान चालीसा

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श्री हनुमान चालीसा दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुर सुधारि. बरनउँ रघबर बिमल जसु जो दायकु फ़ल चारि. बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार. बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु ...

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