लेखनी कविता - गीता सार - अध्याय १३

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अध्याय १३ तेरहवां अध्याय श्री भगवान् बोले - कौन्तेय, यह तन क्षेत्र है ज्ञानी बताते हैं यही | जो जानता इस क्षेत्र को क्षेत्रज्ञ कहलाता वही ॥१॥ हे पार्थ, क्षेत्रों में ...

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