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अध्याय - ११ ध्रुवका वनगमन और मरीचि आदि ऋषियोंसे भेंट श्रीपराशरजी बोले - हे मैत्रेय ! मैंने तुम्हें स्वायम्भूवमनुके प्रियव्रत एवं उत्तानपाद नामक दो महाबलवान् और धर्मज्ञ पुत्र बतलाये थे ॥१॥ ...