लेखनी कहानी - विष्णु पुराण - अध्याय - १२

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अध्याय - १२ ध्रुवकी तपस्यासे प्रसन्न हुए भगवान्‌का आविर्भाव और उसे ध्रुवपद-दान श्रीपराशरजी बोले - हे मैत्रेय ! यह सब सुनकर राजपुत्र ध्रुव उन ऋषियोंको प्रणामकर उस वनसे चल दिया ॥१॥ ...

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