52 Part
62 times read
0 Liked
अध्याय - १२ ध्रुवकी तपस्यासे प्रसन्न हुए भगवान्का आविर्भाव और उसे ध्रुवपद-दान श्रीपराशरजी बोले - हे मैत्रेय ! यह सब सुनकर राजपुत्र ध्रुव उन ऋषियोंको प्रणामकर उस वनसे चल दिया ॥१॥ ...