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अध्याय - १३ राजा वेन और पृथुका चरित्र श्रीपराशरजी बोले - हे मैत्रेय ! ध्रुवसे ( उसकी पत्नीने ) शिष्टि और भव्यको उत्पन्न किया और भव्यसे शम्भुका जन्म हुआ तथा शिष्टिके ...