लेखनी कहानी - विष्णु पुराण - अध्याय - १४

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अध्याय - १४ प्राचीनबर्हिका जन्म और प्रचेताओंका भगवदाराधन श्रीपराशरजी बोले - हे मैत्रेय ! पृथुके अन्तद्धीन और वादी नामक दो धर्मज्ञ पुत्र हुए, उनमेंसे अन्तर्द्धानसे उसकी पत्नी शिखण्डिनीने हविर्धानको उप्तन्न किया ...

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