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सौन्दर्य की तू देवी हो या मदिरा मतवाली । जो देखे पूजन करता है अथवा रोज दिवाली । पनघट प्यास बढाने वाली व्याकुल होठ निहारे । जाने कैसे जीते होगे रहते ...