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अध्याय - २० प्रह्लादकृत भगवत् - स्तृति और भगवान्का आविर्भाव श्रीपराशरजी बोले- हे द्विज ! इस प्रकर भगवान् विष्णुको अपनेसे अभिन्न चिन्तन करते करते पूर्ण तन्मयता प्राप्त हो जानेसे उन्होंने अपनेको ...