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अध्याय - २३ प्रियव्रतके वंशका वर्णन श्रीमैत्रेयजी बोले - हे भगवान् ! हे गुरो ! मैंने जगत्की सृष्टीके विषयमें जो कुछ पूछा था वह सब आपने मुझसे भली प्रकार कह दिया ...