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अध्याय - ३१ सूर्य, नक्षत्र एवं राशियोंकी व्यवस्था तथा कालचक्र, लोकपाल और गंगाविर्भावका वर्णन श्रीपराशरजी बोले - हे सुव्रत ! मैंने तुमसे यह ब्रह्माण्डकी स्थिति कही, अब सूर्य आदि ग्रहोंकी स्थिति ...