लेखनी कहानी - विष्णु पुराण - अध्याय - ३२

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अध्याय - ३२ ज्योतिश्चक्र और शुशुमारचक्र श्रीपराशरजी बोले- आकाशमें भगवान् विष्णुका जो शिशुमार ( गिरगिट अथवा गोधा ) के समान आकारवाला तारामय स्वरूप देखा जाता है, उसके पुच्छ-भागमें ध्रुव अवस्थित है ...

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