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अध्याय - ३५ नवग्रहोंका वर्णन तथा लोकान्तरसम्बन्धी व्याख्यानका उपसंहार श्रीपराशरजी बोले - चन्द्रमाका रथ तीन पहिंयोवाला है, उसके वाम दक्षिण ओर कुन्दकुसुमके समान श्वेतगर्ण दस घोडे़ जुते हुए हैं । ध्रुवके ...