लेखनी कहानी - विष्णु पुराण - अध्याय - ३७

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अध्याय - ३७ जडभरत और सौवीरनरेशका संवाद श्रीपराशरजी बोले - उनके ये परमार्थमय वचन सुनकर राजाने विनयावनत होकर उन विप्रवरसे कहा ॥१॥ राजा बोले - भगवान् ! आपने जो परमार्थमय वचन ...

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