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अध्याय - ४४ निमि-चरित्र और निमिवंशका वर्णन श्रीपराशरजी बोले - इक्ष्वाकुका जो निमि नामक पुत्र था उसने एक सहस्त्रवर्षमें समाप्त होनेवाले यज्ञका आरभ्म किया ॥१॥ उस यज्ञमें उसने वसिष्ठजीको होता वरण ...