52 Part
64 times read
0 Liked
अध्याय - ४८ महाराज रजि और उनके पुत्रोंका चरित्र श्रीपराशरजी बोले रजिके अतुलित बलपराक्रमशाली पाँच सौ पुत्र थे ॥१॥ एक बार देवासुरसंग्रामके आरम्भके एक - दुसरेकी मारनेकी इच्छावाले देवता और दैत्योंने ...