सच में तू सम्पत्ति किसी की

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सच में तू सम्पत्ति किसी की सच में रूप अनोखा । मान रहा है अपना कोई  पागल पंथी देखा ।। जबकि तू अत्यन्त कठिन हो समझा पडा खजाना । दिन मे ...

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