लेखनी कहानी - ख़ौफ़

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ख़ौफ़ वशाम ढल रही थी | आसमान पुरा काला पड चुका था जैसे किसी ने काले रंग की शीशी उडेल दि हो | शायद बारिश आने को बेकरार है |, घिरा ...

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