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किसी जरदार की चौखट पे ना दस्तार गिरी है। मेरे अदब की ना अभी मैअयार गिरी है। महंगा है मेरा इश्क तेरे हुस्न से अब भी। इतनी भी नहीं कीमते बाजार ...