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सांझ-सवेरे: ----------------------------------------------------------------- प्रतिदिन सांझ-सवेरे मुझको याद तुम्हारी आती है, ख़्यालों मे तुम्हरे ही मेरी अब रात गुज़रती जाती है। न जानें कैसे होंगे तुम कैंसा खाना-पीना होगा, शाम को थक कर ...