1 Part
309 times read
7 Liked
खुशियों की गठरी सिरहाने रख चल देते हो सुनो ठहरो न यह खामोशियां जो फैली है आसपास कम करने का उन्हें कोई उपाय ले आओ अपने मौन को मुखर कर दो ...