खामोशियाँ

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खुशियों की गठरी सिरहाने रख  चल देते हो सुनो ठहरो न  यह खामोशियां जो फैली है आसपास  कम करने का  उन्हें कोई उपाय ले आओ अपने मौन को मुखर कर दो  ...

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