ख़िताब

1 Part

263 times read

3 Liked

शायर का ये जो, ख़िताब है !  मेरे उस्ताद मेरे हालात हैं ! तालीम से रहा महरूम !  गम बेहिसाब है ! गमों ने ही नवाजा ये ख़िताब है ! तजुर्बा ...

×