ग़ज़ल 1 झोंका हूं हवाओं का

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झोंका हूँ हवाओं का... मैं तो झोंका हूँ हवाओं का उड़ा ले जाऊंगा, जागते रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊंगा। हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा, ख़ाक ...

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