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अच्छा था वह प्यारा बचपन माटी जहाँ रही है चंदन । जहाँ रात किस्से से होती प्रातः लोरी हरती तन-मन ।। मन का वातावरण स्वच्छ था भीतर जो था वह प्रत्यक्ष ...