ग़ज़ल

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🌹🌹🌹🌹ग़ज़ल 🌹🌹🌹🌹 चारों जानिब किस क़दर है ख़ैरगी फ़ुटपाथ पर। आओ हम भी खींच लें इक सैल्फ़ी फ़ुटपाथ पर। तन हैं नंगे और सर पर धूप है रक्खी हुई। किस क़दर ...

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