मन की टूटी सवारी लिए रात भर

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मन की टूटी सवारी लिए रात भर छोडना ही पडा अपना प्यारा सा घर । दुध-मुहा गोद में रूपसी का सदन ऑख बहती रही भूख का भी तो डर ।। कुछ ...

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