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रिश्तों की मर्यादा, लेकर चलती है बेटी, दो कुलों की आन बचाए। अमर्यादित जब कदम बढ़ाया, हिस्से में सिर्फ रुसवाई आए। चूड़ियाँ सौभाग्य कहाँ है?? मात-पिता आशीष कहाँ?? रिश्तों की मर्यादा, ...