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कविता-बदलते रिस्तें अब तो रिस्तों पर भरोसा न रहा रिश्तों का रंग अपनों के संग होते हैं गाढ़े सदा के लिए न होते दुरंग न होंगे कभी भी न बदलेंगे ये ...