पिता

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उंगली पकड़ें जब पिता की, चिंता से मुक्त हो जाएं। ठोकर लगने से पहले ही, हमें बचाने वे आएं। बरगद जैसा घना पेड़ हैं, परिवार छांव में सोए। जलते रहते सदा ...

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