1 Part
231 times read
27 Liked
उंगली पकड़ें जब पिता की, चिंता से मुक्त हो जाएं। ठोकर लगने से पहले ही, हमें बचाने वे आएं। बरगद जैसा घना पेड़ हैं, परिवार छांव में सोए। जलते रहते सदा ...