एक खुली किताब जैसा तुम्हें पढ़ा कभी तुम्हें एहसासों में पढ़ा  कभी तुम्हें जज्बातों में पढ़ा  मैंने हर बातों में तुम्हें पढ़ा। कभी तुम्हारी खुशी को पढ़ा, कभी तुम्हारे गम को ...

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