तुम तो बहकी नदी लग रही हो

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तुम तो बहकी नदी लग रही हो मै तो सूखा हुआ हूँ जलाशय । रेत की जो बनायी इमारत  तू गिराती नही समझी आशय ।। पंख उडने से पहले जले है ...

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