होश और जोश

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🍃 होश और जोश को पिंजरे से उड़ाया हमने जीतेजी ख़्वाब को फिर हाथ लगाया हमने मेरी ये धूल भी होनी नहीं थी जिसको नसीब हाय अफ़सोस के कंधों पे बिठाया ...

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