उम्मीद

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हे मानव उठ जाग खड़ा हो,  कब तक ये अश्रु बहाएगा। कर्मठ तुझको ही बनना है,  सब पहले सा हो जाएगा। यामिनी अभी कुछ बाकी है,  अँधेरा भी अभी गहरा है। ...

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