रात

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ये रात बड़ी मुश्किल, उम्मीद न खो साकी। जब जाम छलक जाए, नजरों से पिला साकी। महफिल में यही रौनक, छलके जरा जरा सी। नजरें न चुरा हमसे, हमें कद्र है ...

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