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ख्वाहिशें ना पाल ए नादान दिल। ख्वाहिशें पूरी नहीं होती कभी। गुजर जाता है वक्त पहरो पहर। सहर-ए-तवक्को नहीं होती कभी। आरजू पतंगा शमा की चाहतें। बसर उम्मीदें नहीं होती कभी। ...