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दुर्गा तू हीं लक्ष्मी तू हीं सरस्वति का स्वरुप है, कण कण में तू हीं समायी है, तू हीं छावं है तू हीं धुप है। हे ज्वालादेवी नमस्तुते मीनाक्षी देवी नमस्तुते, ...