आजादी अपनी आजादी को तुमने बहुत सस्ता मान लिया कितनों के सर कटे, कितनो ने बलिदान किया। कितने झूले फांसियों पे, कितने काला पानी गए तब कहीं जा कर फिरंगी ने ...

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