1 Part
213 times read
3 Liked
आजादी अपनी आजादी को तुमने बहुत सस्ता मान लिया कितनों के सर कटे, कितनो ने बलिदान किया। कितने झूले फांसियों पे, कितने काला पानी गए तब कहीं जा कर फिरंगी ने ...