नवरात्रि

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️नवरात्रि मां सिह पर सवार है, हाथ खड़ग ढाल है । कभी काली, कभी चंडी, तेरी रूप विकराल है । स्वागत मां, मै तेरी करू, बजता वीणा का ताल है । ...

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