सौतन

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प्रतियोगिता हेतु रचना  सौतन ***** वंशी तुम मेरी सौतन हो, क्यों कान्हा  पर हक़ जमा बैठीं। अधरों पर कब्जा किया है क्यों अपना अधिकार दिखा बैठीं।। कान्हा तो केवल मेरा है ...

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