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मच रहा है बबाल रोटी का, ज़िन्दगी है सवाल रोटी का,, ख़ुद तो नाची हमे नचाया भी हम ने देखा कमाल रोटी का,, जिस्म सस्ता है रिज्क है महँगा उफ़ ये ...