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देखो कि तलातुम के, आगोश में दरिया है। सहरा न मचल जाए, कब होश में दरिया है। इक बूँद जहां सुख है, तुम भूल के बैठे हो, खुदगर्ज जहां लेकिन, उम्मीद ...