अभिमान

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अभिमान न कर इस काया पर,  फर-फर फर जल जाएगी। हाड़ मांस से देह बनी है, माटी में मिल जाएगी। कब कुछ तेरा मेरा जग में,   कुछ दिन रैन बसेरा है, ...

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